देववाणी, संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी, विश्व की प्राचीनतम, सर्वाधिक समृद्ध और शास्त्रीय भाषा है। इस भाषा का सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता इसे संस्कारित भाषा का स्वरुप प्रदान करती है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार विश्व के प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। संस्कृत का साहित्य अत्यन्त परिष्कृत, विशाल और वैविध्यपूर्ण है। हिन्दू, जैन, बौद्ध और अन्य कई धर्मों के ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही उपलब्ध है।
राजस्थान संस्कृत अकादमी
देववाणी, संस्कृत अनेक भाषाओं की जननी, विश्व की प्राचीनतम, सर्वाधिक समृद्ध और शास्त्रीय भाषा है। इस भाषा का सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता इसे संस्कारित भाषा का स्वरुप प्रदान करती है।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार विश्व के प्राचीन ग्रन्थ ऋग्वेद संस्कृत भाषा में ही लिखे गए हैं। संस्कृत का साहित्य अत्यन्त परिष्कृत, विशाल और वैविध्यपूर्ण है। हिन्दू, जैन, बौद्ध और अन्य कई धर्मों के ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही उपलब्ध है।