1 |
डॉ. रामचरण महेन्द्र |
हिन्दी एकांकी |
1958-59 |
2 |
श्री भालचन्द गोस्वामी |
कहानी दर्शन |
1959-60 |
3 |
श्री पूर्णानन्द मिश्र |
अनन्त की राह में |
1959-60 |
4 |
डॉ. मोहनलाल मेहता |
जैन दर्शन |
1960-61 |
5 |
डॉ. हीरालाल माहेश्वरी |
राजस्थानी भाषा और साहित्य |
1960-61 |
6 |
डॉ. गिरधर शर्मा |
वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति |
1961-62 |
7 |
श्री वेंकट शर्मा |
आधुनिक हिन्दी साहित्य में समालोचना का विकास |
1963-64 |
8 |
श्री रामजीलाल जांगिड़ |
इतिहास के स्फुट लेख |
1964-65 |
9 |
डॉ. गोवर्द्धन शर्मा |
डिंगल साहित्य |
1965-66 |
10 |
श्री जगदीश वोरा |
पाठक के नोट |
1967-68 |
11 |
डॉ. हीरालाल माहेश्वरी |
जाम्भोजी विश्नोई संप्रदाय और उसका साहित्य |
1972-73 |
12 |
डॉ. कृष्णकुमार शर्मा |
शैली विज्ञान की रूपरेखा |
1975-76 |
13 |
डॉ. नवलकिशोर |
आधुनिक हिन्दी उपन्यास और मानवीय अर्थवत्ता |
1978-79 |
14 |
डॉ. प्रकाश आतुर |
राजस्थान की हिन्दी कविता |
1979-80 |
15 |
डॉ. कृष्णकुमार शर्मा |
शैली वैज्ञानिक आलोचना के प्रतिदर्श |
1981-82 |
16 |
डॉ. जगदीश प्रसाद शर्मा |
साहित्य और कला की पहचान |
1983-84 |
17 |
प्रो. सुरजन दास स्वामी |
रस सिद्धांत की शास्त्रीय समीक्षा |
1984-85 |
18 |
डॉ. विश्वंभरनाथ उपाध्याय |
बिन्दु प्रति बिन्दु |
1985-86 |
19 |
श्री विजय वर्मा |
सरोकारों के रंग |
1986-87 |
20 |
डॉ. वीरेन्द्र सिंह |
शब्दार्थों के गवाक्ष |
1987-88 |
21 |
डॉ. रामगोपाल शर्मा ‘दिनेश’ |
भारत का परिवेश और चेतना |
1988-89 |
22 |
डॉ. माधव हाड़ा |
तनी हुई रस्सी पर |
1989-90 |
23 |
डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली |
भारतीय लोक दर्शन |
1992-93 |
24 |
श्री गदाधर भट्ट और डॉ. रजनी कुलश्रेष्ठ |
विविधा और राजस्थान की महिला काव्यधारा |
1995-96 |
25 |
डॉ. राधेश्याम जांगिड़ |
माटी कहे कुम्हार से |
1996-97 |
26 |
डॉ. बीना शर्मा |
निराला और समकालीन हिन्दी कविता |
1997-98 |
27 |
डॉ. नंदलाल कल्ला |
लोक साहित्य शास्त्र |
1998-99 |
28 |
डॉ. कृष्ण कुमार ‘रत्तू’ |
भारतीय समाज चिंतन और पतन |
2000-01 |
29 |
श्री बी.एल. आच्छा |
सृजनात्मक भाषा और आलोचना |
2005-06 |
30 |
श्री मदनमोहन माथुर |
रंग विविधा |
2006-07 |
31 |
डॉ. रवि श्रीवास्तव |
परम्परा, इतिहास बोध और साहित्य |
2007-08 |
32 |
श्रीमती कृष्णा कुमारी |
ज्योतिर्गमय |
2008-09 |
33 |
प्रो. मोहनकृष्ण बोहरा |
एलियट और हिन्दी साहित्य चिंतन |
2010-11 |
34 |
श्री कुंदन माली |
वस्तुतः |
2011-12 |
35 |
प्रो. रेणु शाह |
साहित्यालोचन |
2012-13 |